दरिद्रता एक अभिशाप है। शास्त्र कहता है-
‘बभक्षित: किं न करोति पापम्।
क्षीणा: नरा: निष्करूणा भवन्ति।।’
- अर्थात भूखा व्यक्ति कौन-सा पाप नहीं करता। आचार्य_चाणक्य कहते है! ” यस्याती वित्तम स नर: कुलीन: स पंडित: श्रुतृवाण गुनञ: ।
हमारे शास्त्रों में ऐसे अनेक अनुष्ठानों एवं स्तोत्र का उल्लेख है जिनसे दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। प्रतिदिन भगवान शिव का ‘दारिद्रय दहन स्तोत्र’ के साथ शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र ।।
‘विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय
शशिशेखराय धारणाय कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।1।
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय कालान्तकाय
भुजंगाधिप कंकणाय गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।2।
भक्ति प्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्गमभवसागर तारणाय
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।3।
चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुंडल मण्डिताय
मंजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय….।4।
पंचाननाय फणिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय
अनन्त भूमि वरदाय तमोमयाय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।5।
भानुप्रियाय भवसागर तारणाय
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।6।
रामप्रियाय रघुनाथ वर प्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।7।
मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गति प्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय
मातंग चर्मवसनाय महेश्वराय
दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।8।
नित्य नियम श्रद्धा भक्ति पूर्वक दरिद्र_दहन का पाठ करने से दरिद्रता के अभिशाप से मुक्ती मिलती है। पंडित पंकज मिश्र ज्योतिष कोलकाता।।