shiv mahimn strota .

रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप . Rudrakch .

रुद्राक्ष का नाम सुनते हि भगवान शिव का स्वरूप सामने आ जाता हैऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष कि उत्पति भगवान शिव के आँशु से हुयी थीदेविय गुणों से भरपुर् रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ।भगवान शिव का सबसे प्रिये फल भी रुद्राक्ष माना गया है, ऐसा माना गया है […]

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॥ अथ रूद्र-सूक्तम् ॥

रूद्र-सूक्तम्।।हिन्दु धर्म मे चार वेद – ॠग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्वेद हैं। इन चारों वेदों में ही विभिन्न देवताओं के अनेकों सूक्त है। वैदिक-मन्त्रों के समूह को सूक्त कहते हैं । जिस ॠषि ने भी जिस देवता की मन्त्रों के द्वारा स्तुति की अर्थात् जिस ॠषि को समाधि की अवस्था में जिस भी देवता के

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शिवमहिम्न स्तोत्र . shiv mahimn strota .

शिवमहिम्न स्तोत्र एक अत्यंत ही मनोहर शिव स्तुति है। ईश्वर सबसे बड़ी प्रार्थना में एक है, कृपया इसका प्रसार करके पुण्य प्राप्त करें. शिवभक्त श्री गंधर्वराज पुष्पदंत द्वारा अगाध प्रेमभाव से ओतप्रोत यह शिवस्तोत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है।शिवमहिम्न स्तोत्र में 43 श्लाेक हैं, श्लाेक तथा उनके भावार्थ निम्नांकित हैं–महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी।स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि

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