panditpankajmisha

रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप . Rudrakch .

रुद्राक्ष का नाम सुनते हि भगवान शिव का स्वरूप सामने आ जाता हैऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष कि उत्पति भगवान शिव के आँशु से हुयी थीदेविय गुणों से भरपुर् रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ।भगवान शिव का सबसे प्रिये फल भी रुद्राक्ष माना गया है, ऐसा माना गया है […]

रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप . Rudrakch . Read More »

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व |

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व पंचमहाभूत तत्वों से मिलकर ही मानव शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इन पांच तत्वो – अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल और वायु के बिना सृष्टि की रचना की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. जन्म कुंडली में भी पांच ग्रह ऎसे होते हैं जो पंच तत्वों के रुप में कार्य

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व | Read More »

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय| kalshrp yog

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय अनन्त कालसर्प योगजब जन्मकुंडली में राहु लग्न में व केतु सप्तम में हो और उस बीच सारे ग्रह हों तो अनन्त नामक कालसर्प योग बनता है। ऐसे जातकों के व्यक्तित्व निर्माण में कठिन परिश्रम की जरूरत पड़ती है। उसके विद्यार्जन व व्यवसाय के काम बहुत सामान्य ढंग से

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय| kalshrp yog Read More »

पति एवं पत्नी प्राप्ति हेतु साघना .

पति एवं पत्नी प्राप्ति हेतु साघना ।।श्रेष्ठ वर की प्राप्ति हेतु उपाय : लड़की के माता-पिता आदि कन्या के विवाह के लिये सुयोग्य वर की प्राप्ति के निमित्त प्रयासरत रहते हैं और कभी-कभी अनेक प्रयास करने पर भी वर की तलाश नहीं कर पाते। यदि किसी कन्या के विवाह में किसी भी कारण से अनावश्यक

पति एवं पत्नी प्राप्ति हेतु साघना . Read More »

रामरक्षा स्तोत्र

अस्य श्रीरामरक्षा स्तोत्र मन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः।श्री सीतारामचंद्रो देवता । अनुष्टुप्‌छंदः। सीता शक्तिः।श्रीमान हनुमान्‌कीलकम्‌। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः ।अथ ध्यानम्‌:ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपद्मासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धिनेत्रं प्रसन्नम्‌। वामांकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं नानालंकार दीप्तं दधतमुरुजटामंडलं रामचंद्रम ।चरितं रघुनाथस्य शतकोटिप्रविस्तरम्‌ ।एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम्‌॥१॥ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम्‌।जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमंडितम्‌ ॥२॥सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरांतकम्‌।स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम्‌ ॥३॥रामरक्षां पठेत्प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्‌।शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः

रामरक्षा स्तोत्र Read More »

आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां

आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं pandit pankaj Mishra Astrologer शास्त्रों में तीन गणों देवगण, मनुष्यगण, और राक्षसगण में लोगों को विभाजित किया गया है। व्यक्ति के व्यवहार, आचरण और चरित्र के अनुसार व्यक्ति को गणों में विभाजित किया गया है। देवता के समान व्यवहार वाले लोग

आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां Read More »