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Hindu New year। हिंदु नया साल कब से शुरू होगी।। हिंदु नव वर्ष। नवरात्रि पर्व .

Hindu New year। हिंदु नया साल कब से शुरू होगी।। हिंदु नव वर्ष। नवरात्रि पर्व पर उस दिन कलश स्थापना के साथ ही पहली नवदुर्गा मां शैत्रपुत्री की भी पूजा होगी. हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत का प्रारंभ सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कराया था. विक्रम संवत या हिंदी कैलेंडर की गणना चंद्र पर आधारित होती […]

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महादेव की पूजा का सामिग्री पदार्थ अनुसार फल- shiv puja .

महादेव की पूजा का सामिग्री पदार्थ अनुसार फल-शिवलिंग पर बिल्वपत्र निम्न मंत्रों के साथ चढाने से तीन जन्मों का पाप संहार होता है। बिल्व पत्र- 🌿त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्र च त्रियायुधम।त्रिजन्म पाप संहारम बिल्व पत्र शिवार्पणम।।पारद शिवलिंग परभगवान शिव को जो पत्र-पुष्प प्रिय हैं उनमें बिल्वपत्र प्रमुख है। श्रावण मास में बिल्वपत्र को शिव पर अर्पित

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महाशिवरात्रि का महत्व। mahashivratri .

महाशिवरात्रि का महत्व।। सस्त्रो में मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसीलिए इस पर्व की मान्यता काफी ज्यादा है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त जन भगवान शिव की बारात लेकर माता पार्वती से विवाह का योग बनते हैं और विधि विधान से शिव और गौरी की पूजा आराधना

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मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –

मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –भारतीय पंचांग में 6 ऋतुएं होती हैं। इनमें से वसंत को ‘ऋतुओं का राजा’ कहा जाता है। वसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है। ऋतुराज वसंत का बहुत महत्व है। ठंड के बाद प्रकृति की

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कनक धारा स्त्रोत्र। Kanak dhara strotra .

कनक धारा स्त्रोत्र।।Kanak dhara strotra .धन प्राप्ति के लिए लोग प्रायः दीवाली, अक्षय तृतीया तथा नियमित पाठ के साथ लिए शुक्रवार के दिन कनकधारा स्तोत्रम् का पाठ करते हैं। *कनकधारा स्तोत्र की कथा ।।एक बार शंकराचार्य भिक्षा मांगने के लिए घूमते घूमते हुए एक ब्राह्मण के घर पहुंचे। इतने तेजस्वी अतिथि को देखकर संकोच के मारे उस ब्राह्मण

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रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप . Rudrakch .

रुद्राक्ष का नाम सुनते हि भगवान शिव का स्वरूप सामने आ जाता हैऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष कि उत्पति भगवान शिव के आँशु से हुयी थीदेविय गुणों से भरपुर् रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ।भगवान शिव का सबसे प्रिये फल भी रुद्राक्ष माना गया है, ऐसा माना गया है

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ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व |

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व पंचमहाभूत तत्वों से मिलकर ही मानव शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इन पांच तत्वो – अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल और वायु के बिना सृष्टि की रचना की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. जन्म कुंडली में भी पांच ग्रह ऎसे होते हैं जो पंच तत्वों के रुप में कार्य

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12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय| kalshrp yog

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय अनन्त कालसर्प योगजब जन्मकुंडली में राहु लग्न में व केतु सप्तम में हो और उस बीच सारे ग्रह हों तो अनन्त नामक कालसर्प योग बनता है। ऐसे जातकों के व्यक्तित्व निर्माण में कठिन परिश्रम की जरूरत पड़ती है। उसके विद्यार्जन व व्यवसाय के काम बहुत सामान्य ढंग से

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