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मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –

मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –भारतीय पंचांग में 6 ऋतुएं होती हैं। इनमें से वसंत को ‘ऋतुओं का राजा’ कहा जाता है। वसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है। ऋतुराज वसंत का बहुत महत्व है। ठंड के बाद प्रकृति की […]

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कुंडली के मुख्य दोष व उनके निराकरण | horescope .

कुंडली के मुख्य दोष व उनके निराकरण ।। बालारिष्ट दोष – जब चंद्रमा लग्न से छठे, आठवें और बारहवें भाव में, कमज़ोर स्थिति में और क्रुर ग्रहों के प्रभाव में हो तो बालारिष्ट दोष होता हैं। चंद्रमा की ये कमज़ोर और पीड़ित स्थिति बचपन में आयु के लिए शुभ नहीं होती हैं। ऐसे जातक को

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कनक धारा स्त्रोत्र। Kanak dhara strotra .

कनक धारा स्त्रोत्र।।Kanak dhara strotra .धन प्राप्ति के लिए लोग प्रायः दीवाली, अक्षय तृतीया तथा नियमित पाठ के साथ लिए शुक्रवार के दिन कनकधारा स्तोत्रम् का पाठ करते हैं। *कनकधारा स्तोत्र की कथा ।।एक बार शंकराचार्य भिक्षा मांगने के लिए घूमते घूमते हुए एक ब्राह्मण के घर पहुंचे। इतने तेजस्वी अतिथि को देखकर संकोच के मारे उस ब्राह्मण

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कामाख्या तंत्र साधना।। kamakhya tantra sadhna ‘

कामाख्या तंत्र साधना।। कामाख्या वशीकरण मंत्र ।। कामाख्या मंत्र साधनाटोटके।। कामाख्यासिन्दूर प्रयोग- शिव के अपमान से क्रोधित सती का हवनकुंड में कूद जाने की पौराणिक कथा हम सभी जानते हैं सती के शव को लेकर जब शिव तांडव करने लगे, विश्व में हाहाकर मच गया| शिव को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन

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दारिद्रय दहन शिव स्तोत्र ।।

दरिद्रता एक अभिशाप है। शास्त्र कहता है- ‘बभक्षित: किं न करोति पापम्‌। क्षीणा: नरा: निष्करूणा भवन्ति।।’ ‘विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखराय धारणाय कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।1। गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय कालान्तकाय भुजंगाधिप कंकणाय गंगाधराय गजराज विमर्दनाय दारिद्रय दु:ख दहनाय नम: शिवाय…।2। भक्ति प्रियाय भवरोग भयापहाय उग्राय दुर्गमभवसागर तारणाय ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय दारिद्रय

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“महाभारत” . Mahabharat.

यदि “महाभारत” को पढ़ने का समय न भी हो,तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है! 1- संतानों की गलत मांग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे-👉 कौरव 2- आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ

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रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप . Rudrakch .

रुद्राक्ष का नाम सुनते हि भगवान शिव का स्वरूप सामने आ जाता हैऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष कि उत्पति भगवान शिव के आँशु से हुयी थीदेविय गुणों से भरपुर् रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ।भगवान शिव का सबसे प्रिये फल भी रुद्राक्ष माना गया है, ऐसा माना गया है

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ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व |

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व पंचमहाभूत तत्वों से मिलकर ही मानव शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इन पांच तत्वो – अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल और वायु के बिना सृष्टि की रचना की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. जन्म कुंडली में भी पांच ग्रह ऎसे होते हैं जो पंच तत्वों के रुप में कार्य

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12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय| kalshrp yog

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय अनन्त कालसर्प योगजब जन्मकुंडली में राहु लग्न में व केतु सप्तम में हो और उस बीच सारे ग्रह हों तो अनन्त नामक कालसर्प योग बनता है। ऐसे जातकों के व्यक्तित्व निर्माण में कठिन परिश्रम की जरूरत पड़ती है। उसके विद्यार्जन व व्यवसाय के काम बहुत सामान्य ढंग से

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जन्म कुंडली का फलकथन कैसे करें ? horescope pediction ?

जन्म कुंडली का फलकथन कैसे करें ? किसी भी इंसान के जीवन में क्या होगा, कब होगा या उसका जीवन कैसा बीतेगा इसका कथन व्यक्ति की जन्मकुंडली में होता है। जन्मकुंडली के फल-कथन के माध्यम से ज्योतिष मनुष्य के कर्म, गति और भाग्य के बारे में कई बातें बता सकते हैं। इसमें भाव तथा ग्रहों

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