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Hindu New year। हिंदु नया साल कब से शुरू होगी।। हिंदु नव वर्ष। नवरात्रि पर्व .

Hindu New year। हिंदु नया साल कब से शुरू होगी।। हिंदु नव वर्ष। नवरात्रि पर्व पर उस दिन कलश स्थापना के साथ ही पहली नवदुर्गा मां शैत्रपुत्री की भी पूजा होगी. हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत का प्रारंभ सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कराया था. विक्रम संवत या हिंदी कैलेंडर की गणना चंद्र पर आधारित होती […]

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महाशिवरात्रि का महत्व। mahashivratri .

महाशिवरात्रि का महत्व।। सस्त्रो में मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसीलिए इस पर्व की मान्यता काफी ज्यादा है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त जन भगवान शिव की बारात लेकर माता पार्वती से विवाह का योग बनते हैं और विधि विधान से शिव और गौरी की पूजा आराधना

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ओजस्वी वाणी, वाक् सिद्धि, विद्या – बुद्धि की प्राप्ति के लिए नित्य विश्वविजय सरस्वती कवच का पाठ करें । saraswati kabach.

ओजस्वी वाणी, वाक् सिद्धि, विद्या – बुद्धि की प्राप्ति के लिए नित्य विश्वविजय सरस्वती कवच का पाठ करें ।। जय भगवती विश्वविजय सरस्वती कवच॥ ध्यान ॥सरस्वतीं शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम् । कोटिचन्द्रप्रभाजुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम् ॥वह्निशुद्धांशुकाधानां सस्मितां सुमनोहराम् ।रत्नसारेन्द्र खचितवरभूषणभूषिताम् ॥सुपूजितां सुरगणैर्ब्रह्मविष्णुशिवादिभिः ।वन्दे भक्त्या वन्दिता तां मुनीन्द्रमनुमानवैः ॥ ॥ मन्त्र ॥” श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा ॥”॥ ब्रह्मोवाच ॥श्रृणु वत्स

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श्रीसरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ! saraswati strotram .

श्रीसरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्!! सरस्वती महाभद्रा महामाया वरप्रदा।श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रका ॥१॥ शिवानुजा पुस्तकभृत् ज्ञानमुद्रा रमा परा ।कामरूपा महाविद्या महापातकनाशिनी ॥ २॥ महाश्रया मालिनी च महाभोगा महाभुजा ।महाभागा महोत्साहा दिव्याङ्गा सुरवन्दिता ॥ ३॥ महाकाली महापाशा महाकारा महाङ्कुशा ।पीता च विमला विश्वा विद्युन्माला च वैष्णवी ॥ ४॥ चन्द्रिका चन्द्रवदना चन्द्रलेखाविभूषिता ।सावित्री सुरसा देवी दिव्यालङ्कारभूषिता ॥ ५॥ वाग्देवी वसुधा तीव्रा

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मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –

मां सरस्वती पूजा की विधि मंत्र स्त्रोत्र। Saraswati Puja vidhi mantra strotra.वसंत पंचमी का महत्व –भारतीय पंचांग में 6 ऋतुएं होती हैं। इनमें से वसंत को ‘ऋतुओं का राजा’ कहा जाता है। वसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है। ऋतुराज वसंत का बहुत महत्व है। ठंड के बाद प्रकृति की

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कुंडली के मुख्य दोष व उनके निराकरण | horescope .

कुंडली के मुख्य दोष व उनके निराकरण ।। बालारिष्ट दोष – जब चंद्रमा लग्न से छठे, आठवें और बारहवें भाव में, कमज़ोर स्थिति में और क्रुर ग्रहों के प्रभाव में हो तो बालारिष्ट दोष होता हैं। चंद्रमा की ये कमज़ोर और पीड़ित स्थिति बचपन में आयु के लिए शुभ नहीं होती हैं। ऐसे जातक को

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कामाख्या तंत्र साधना।। kamakhya tantra sadhna ‘

कामाख्या तंत्र साधना।। कामाख्या वशीकरण मंत्र ।। कामाख्या मंत्र साधनाटोटके।। कामाख्यासिन्दूर प्रयोग- शिव के अपमान से क्रोधित सती का हवनकुंड में कूद जाने की पौराणिक कथा हम सभी जानते हैं सती के शव को लेकर जब शिव तांडव करने लगे, विश्व में हाहाकर मच गया| शिव को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन

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ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व |

ज्योतिष मे पंचमहाभूत तत्व पंचमहाभूत तत्वों से मिलकर ही मानव शरीर का निर्माण होता है, इसलिए इन पांच तत्वो – अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल और वायु के बिना सृष्टि की रचना की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. जन्म कुंडली में भी पांच ग्रह ऎसे होते हैं जो पंच तत्वों के रुप में कार्य

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12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय| kalshrp yog

12 प्रमुख कालसर्प योग और उनके उपाय अनन्त कालसर्प योगजब जन्मकुंडली में राहु लग्न में व केतु सप्तम में हो और उस बीच सारे ग्रह हों तो अनन्त नामक कालसर्प योग बनता है। ऐसे जातकों के व्यक्तित्व निर्माण में कठिन परिश्रम की जरूरत पड़ती है। उसके विद्यार्जन व व्यवसाय के काम बहुत सामान्य ढंग से

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पति एवं पत्नी प्राप्ति हेतु साघना .

पति एवं पत्नी प्राप्ति हेतु साघना ।।श्रेष्ठ वर की प्राप्ति हेतु उपाय : लड़की के माता-पिता आदि कन्या के विवाह के लिये सुयोग्य वर की प्राप्ति के निमित्त प्रयासरत रहते हैं और कभी-कभी अनेक प्रयास करने पर भी वर की तलाश नहीं कर पाते। यदि किसी कन्या के विवाह में किसी भी कारण से अनावश्यक

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