वसंत पंचमी का दिन हमें पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी हमलावर मोहम्मद ग़ोरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया, पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो मोहम्मद ग़ोरी ने उन्हें नहीं छोड़ा। वह उन्हें अपने साथ अफगानिस्तान ले गया और उनकी आंखें फोड़ दीं। इसके बाद की घटना तो जगप्रसिद्ध ही है। मोहम्मद ग़ोरी ने मृत्युदंड देने से पूर्व उनके शब्दभेदी बाण का कमाल देखना चाहा। पृथ्वीराज के साथी कवि चंदबरदाई के परामर्श पर ग़ोरी ने ऊंचे स्थान पर बैठकर तवे पर चोट मारकर संकेत किया। तभी चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संदेश दिया। कोई भी व्यक्ति अपनी शक्ति साधना से बहुत ज्यादा हासिल कर सकता है मां सरस्वती ज्ञान विद्या कला संगीत साधक अपने आप को बहुत ज्यादा मां सरस्वती के आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं।
चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान ॥
पृथ्वीराज चौहान ने इस बार भूल नहीं की। उन्होंने तवे पर हुई चोट और चंदबरदाई के संकेत से अनुमान लगाकर जो बाण मारा, वह मोहम्मद ग़ोरी के सीने में जा धंसा। इसके बाद चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने भी एक दूसरे के पेट में छुरा भौंककर आत्मबलिदान दे दिया। (1192 ई) यह घटना भी वसंत पंचमी वाले दिन ही हुई थी।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 14 फरवरी यानी बुधवार को है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान होता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि मां सरस्वती को विद्या और बुद्धि का दाता माना जाता है। उनकी कृपा के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है।
ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के कपड़े पहने। इसके बाद मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए।
गेंदे के फूल की माला पहनाएं
मां सरस्वती को बसंत पंचमी के दिन गेंदे के फूल की माला भी अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से ज्ञान की देवी प्रसन्न होंगी और आपके पढ़ने- लिखने में सफलता मिलेगी।
ऐसे करें मंत्र का जाप ।।
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ।।
ज्योतिष शास्त्र में मंत्रों के जाप का खास महत्व बताया गया है। ज्ञान की देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए बसंत पंचमी के दिन ‘ऊँ श्रीं सरस्वत्यै नम: ‘मंत्र का जाप करें।
क्या अर्पित करें
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सरस्वती को फूल, अक्षत, सफेद चंदन, पीला गुलाल आदि चढ़ाना शुभ होता है।
मां सरस्वती देती है विद्या का वरदान
मां के इन मंत्रों का जाप करने से इंसान को विद्दाा का आशीर्वाद मिलता है। आप सभी जानते हैं कि ज्ञान की बदौलत इंसान किसी भी चीज को हासिल कर सकता है।
श्रीसरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्!!
सरस्वती महाभद्रा महामाया वरप्रदा।
श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रका ॥१॥
शिवानुजा पुस्तकभृत् ज्ञानमुद्रा रमा परा ।
कामरूपा महाविद्या महापातकनाशिनी ॥ २॥
महाश्रया मालिनी च महाभोगा महाभुजा ।
महाभागा महोत्साहा दिव्याङ्गा सुरवन्दिता ॥ ३॥
महाकाली महापाशा महाकारा महाङ्कुशा ।
पीता च विमला विश्वा विद्युन्माला च वैष्णवी ॥ ४॥
चन्द्रिका चन्द्रवदना चन्द्रलेखाविभूषिता ।
सावित्री सुरसा देवी दिव्यालङ्कारभूषिता ॥ ५॥
वाग्देवी वसुधा तीव्रा महाभद्रा महाबला ।
भोगदा भारती भामा गोविन्दा गोमती शिवा ॥ ६॥
जटिला विन्ध्यवासा च विन्ध्याचलविराजिता ।
चण्डिका वैष्णवी ब्राह्मी ब्रह्मज्ञानैकसाधना ॥ ७॥
सौदामिनी सुधामूर्तिस्सुभद्रा सुरपूजिता ।
सुवासिनी सुनासा च विनिद्रा पद्मलोचना ॥ ८॥
विद्यारूपा विशालाक्षी ब्रह्मजाया महाफला ।
त्रयीमूर्तिः त्रिकालज्ञा त्रिगुणा शास्त्ररूपिणी ॥ ९॥
शुम्भासुरप्रमथिनी शुभदा च स्वरात्मिका ।
रक्तबीजनिहंत्री च चामुण्डा चाम्बिका तथा ॥ १०॥
मुण्डकायप्रहरणा धूम्रलोचनमर्दना ।
सर्वदेवस्तुता सौम्या सुरासुरनमस्कृता ॥ ११॥
कालरात्री कलाधारा रूपसौभाग्यदायिनी ।
वाग्देवी च वरारोहा वाराही वारिजासना ॥ १२॥
चित्राम्बरा चित्रगन्धा चित्रमाल्यविभूषिता ।
कान्ता कामप्रदा वन्द्या विद्याधरसुपूजिता ॥ १३॥ विद्याधरी सुपूजिता
श्वेतानना नीलभुजा चतुर्वर्गफलप्रदा ।
चतुराननसाम्राज्या रक्तमद्या निरञ्जना ॥ १४॥
हंसासना नीलजङ्घा ब्रह्मविष्णुशिवात्मिका ।
एवं सरस्वतीदेव्या नाम्नामष्टोत्तरं शतम् ॥ १५॥
इति श्री सरस्वत्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
पंडित पंकज मिश्र ज्योतिष।।
अंत में आरती करें
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की आरती करने का भी खास महत्व होता है। इस दौरान खड़े हो जाएं और आरती पाठ करें।
पंडित पंकज मिश्र ज्योतिष।।